04/03/09

जिन्हें रिश्ते नहीं मिलते

जिन्हें रिश्ते नहीं मिलते

उन्हें गैरों ने पाला है

वे हर मौसम में खिलते हैं

ऐसे रंगों में ढाला है

-रोशन प्रेमयोगी

उजाले की तलाश

कल जब शाम ढल रही थी
मेरी पलको तले था एक सपना
थोड़े अंधेरे में
उजाला तलाश रहा था सपने में
सुबह से ही नही थी बिजली
जब मै था उजाले के बेहद करीब
अचानक जल गया बल्ब
टूट गया सपना बुझ गया प्रकाश
कल जब शाम ढल रही थी
बहुत याद आयी तुम्हारी
अगर तुम होती घर में बल्ब न जलाता
खली पंखा चलता
बड़ा होता मेरा सपना
हासिल कर लेता मै प्रकाश