बहुत समझाया ख़ुद को कि
नसीब की भी कीमत होती है
मन नहीं माना
कल जब घर पहुँचा और देखा आईने को
पता चला कि उसमे दरार आ गई है
आइने का रिश्ता नसीब से तो नही लेकिन मेरा है
दरअसल आईने को मैंने बिजली आने के बाद देखा
जब वह अंधेरे में मेरे से टकराकर टूट चुका था
-रोशन प्रेमयोगी