30/01/09

कैसे निकाल पाओगे यादों के सागर से

उदास रातों में मै सपना बनकर आऊंगा

धूप में निकालोगे तो बादल बन जाऊंगा

तुम मुझे कैसे निकाल पाओगे यादों के सागर से

जब भी पाँव उतारोगे नाव से किनारे बांहे फैलाये नज़र आऊंगा

-रोशन प्रेमयोगी